मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ और प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के विजन को गति देने के उद्देश्य से लखनऊ में आयोजित छठा राष्ट्रीय कौशल कॉन्क्लेव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन एवं व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव का केंद्रीय लक्ष्य उत्तर प्रदेश को देश का सबसे बड़ा स्किल्ड वर्कफोर्स राज्य बनाना रहा। कॉन्क्लेव में देश के विभिन्न राज्यों से आए नीति निर्माताओं, कौशल विशेषज्ञों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और शिक्षाविदों ने भाग लिया और उत्तर प्रदेश को ‘स्किल कैपिटल’ और वैश्विक टैलेंट हब बनाने की दिशा में अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए
तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए InMobi की ग्लोबल सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सुबी चतुर्वेदी ने 21वीं सदी के कौशल विकास के लिए ‘SAHYOG’ फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे आकांक्षी राज्य के लिए स्किलिंग अब केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि उत्पादकता और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का आधार बन चुकी है। उन्होंने एआई-आधारित स्किलिंग आर्किटेक्चर, इंडस्ट्री-एलाइन्ड माइक्रो-क्रेडेंशियल्स और मॉड्यूलर स्किल स्टैक्स को अपनाने पर जोर दिया।
कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने कहा कि कौशल विकास प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव है और योगी सरकार की नीतियों से आने वाले 5 से 15 वर्षों में उत्तर प्रदेश दुनिया को सबसे बड़ा कार्यबल देने वाला राज्य बनेगा। उन्होंने बताया कि स्किलिंग अब ड्रोन, एआई, ईवी, ग्रीन एग्रीकल्चर और रोबोटिक्स जैसे फ्यूचर स्किल्स पर केंद्रित है। वहीं यूपीएसडीएम के मिशन निदेशक पुलकित खरे ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता एक उद्योग-उन्मुख स्किल इकोसिस्टम तैयार करना है, जिसके लिए सीआईआई और एसोचैम जैसे औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर पाठ्यक्रमों को लगातार अपडेट किया जा रहा है।
