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मंत्री नन्दी ने सदन के समक्ष प्रस्तुत किया उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025


 विधानभवन में लखनऊ में चल रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने सदन के समक्ष उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 प्रस्तुत किया।

मंत्री नन्दी ने कहा कि पिछले 8 वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार की कथनी और करनी एक रही है। नीयत और नीति एक रही है। निर्णय और निष्पादन एक रहा है। पहले दिन से ही इज ऑफ डूइंग बिजनेस और इण्डस्ट्री फ्रेन्डली इकोसिस्टम हमारी प्रतिबद्धता रही है। हमने समय-समय पर ठोस और प्रभावी निर्णयों के माध्यम से इस दिशा में अपेक्षित परिणाम प्राप्त किये हैं।

इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम, 2025 प्रदेश के औद्योगिक विकास और निवेश प्रोत्साहन की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। यह निवेशकों के भरोसे और विश्वास को एक नई मजबूती प्रदान करने वाला प्रासंगिक संशोधन है।

भारत सरकार द्वारा जन विश्वास (प्रावधान संशोधन अधिनियम) 2023 के अंतर्गत 42 केंद्रीय अधिनियमों में अपराधो को अपराध की श्रेणी से बाहर करने की शुरुआत की गई है। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों (क्रमशः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, हरियाणा, ओडिशा, उत्तराखण्ड और कर्नाटक) द्वारा अपने-अपने राज्य में जन विश्वास अधिनियम पारित कर दंड के प्रावधानों को तार्किक और व्यापार-अनुकूल बनाया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार द्वारा राज्य में व्यापार एवं नागरिकों के लिए मामूली त्रुटियों पर आपराधिक दंड से मुक्त करके प्रशासन को अधिक न्यायसंगत, व्यवहारिक और सुगम बनाया गया है। यह अधिनियम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ ही ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा देता है।

यह विश्वास आधारित शासन (ट्रस्ट बेस्ड गवरनेंस ) की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उत्तर प्रदेश सुगम्य व्यापार (प्रावधानों का संशोधन) अधिनियम 2025 के अंतर्गत राज्य सूची के 10 अधिनियमों में सुधार किया गया है। इसके साथ ही 14 विभागों के 40 से अधिक प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है। कारावास का प्रावधान केवल उन अपराधों के लिए रखा गया है, जो शारीरिक क्षति पहुँचाते हैं अथवा जीवन को संकट में डालते हैं। जो धोखाधड़ी से किए जाते हैं और नकारात्मक बाह्य प्रभाव पैदा करते हैं। अन्य सभी अपराधों जैसे प्रक्रियात्मक चूक, दस्तावेजीकरण त्रुटियाँ, या सामान्य उल्लंघन को गैर-आपराधिक बनाया गया है। इनके सन्दर्भ में दंड स्वरुप केवल आर्थिक दंड का प्राविधान किया गया है।

अधिनियमों की सूची जिनमे प्रावधानों को संशोधित किया गया है इस प्रकार है-

1. उत्तर प्रदेश गन्ना (आपूर्ति एवं क्रय का रेगुलेशन) अधिनियम, 1953

2. उत्तर प्रदेश सिनेमा (रेगुलेशन) अधिनियम, 1955

3. उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959

4. उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961

5. उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम, 1976

6. उत्तर प्रदेश मदिरा (आपत्तिजनक विज्ञापनों का नियंत्रण) अधिनियम, 1976

7. उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम, 1976

8. उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006

9. उत्तर प्रदेश भू-जल (प्रबंधन एवं रेगुलेशन) अधिनियम, 2019

10. उत्तर प्रदेश अग्निशमन एवं आपात सेवाएँ (निवारण) अधिनियम, 2022

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