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विषाक्तता उपचार में नई क्रांति से केजीएमयू को मिली उत्तर भारत की पहली उन्नत एनालिटिकल टॉक्सिकोलॉजी सुविधा


 प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आज लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में आयोजित “टॉक्सोकॉन-21” राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए एनालिटिकल टॉक्सिकोलॉजी लेबोरेट्री एवं प्वाइजन इन्फॉर्मेशन सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत की यह पहली उन्नत एनालिटिकल टॉक्सिकोलॉजी सुविधा है, जो सीधे मरीजों के क्लिनिकल मैनेजमेंट में सहायक सिद्ध होगी और विषाक्तता से जुड़े मामलों में समय पर सटीक उपचार सुनिश्चित करेगी।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक विषाक्तता के अनेक मामलों में डॉक्टरों को समय से सही जानकारी उपलब्ध न होने के कारण इलाज में देरी हो जाती थी, लेकिन इस अत्याधुनिक लैब के माध्यम से अब खून, मूत्र सहित अन्य जैविक नमूनों की तुरंत और सटीक जांच संभव हो सकेगी। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि शरीर में कौन-सा विष किस मात्रा में मौजूद है, जिससे चिकित्सकीय निर्णय अधिक प्रभावी और वैज्ञानिक आधार पर लिए जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि प्वाइजन इन्फॉर्मेशन सेंटर देश का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, जो 24×7 आम जनता और चिकित्सकों को वैज्ञानिक, प्रमाणिक एवं त्वरित परामर्श उपलब्ध कराएगा। कीटनाशक, रसायन, दवाइयों की अधिक मात्रा अथवा अन्य विषाक्त पदार्थों से संबंधित मामलों में यह केंद्र भ्रम को कम करेगा और सही उपचार की दिशा में शीघ्र मार्गदर्शन देगा।

उप मुख्यमंत्री ने फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग, विभागाध्यक्ष प्रो. अनूप कुमार वर्मा, आयोजन सचिव डॉ. शिउली एवं पूरी टीम को प्रदेश की जरूरतों को समझते हुए इतनी सक्षम और आधुनिक सुविधा विकसित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे सभी प्रयासों को पूरा समर्थन देती रहेगी, क्योंकि सरकार का एकमात्र लक्ष्य हर नागरिक की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले वर्षों में यह एनालिटिकल टॉक्सिकोलॉजी लैब और प्वाइजन इन्फॉर्मेशन सेंटर न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में विकसित होगा। यहां किया जा रहा शोध, सेवाएं और प्रयास मेडिकल साइंस में नए मानक स्थापित करेंगे तथा नीति निर्माण में भी मार्गदर्शक सिद्ध होंगे।



उप मुख्यमंत्री ने कहा कि किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रदेश और देश का एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है और यहां होने वाला प्रत्येक विकास केवल लखनऊ तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे प्रदेश और देश को लाभ पहुंचाता है। यह केंद्र शोध, प्रशिक्षण और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए एक मजबूत मंच के रूप में उभरेगा। उन्होंने केजीएमयू के सतत विकास के लिए आवश्यक संसाधन, उपकरण और अधोसंरचना उपलब्ध कराने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

इस अवसर पर कुलपति किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रो. सोनिया नित्यानंद, अध्यक्ष आईएसटी प्रो. निशत अहमद शेख, विभागाध्यक्ष फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी प्रो. अनूप कुमार वर्मा, आयोजन सचिव डॉ. शिउली, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, निदेशक एफएसएल लखनऊ प्रो. आदर्श कुमार सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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