उत्तर प्रदेश सरकार सर्वधर्म समभाव के मूलमंत्र को चरितार्थ करते हुए सभी धर्मों से जुड़े पर्यटन स्थलों के आसपास पर्यटन विकास को प्राथमिकता दे रही है। इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के इंदिरा नगर बी-ब्लॉक स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास को उत्तर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के तहत इस परियोजना के लिए 01 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में जैन समुदाय की महती भूमिका रही है। इसी सम्मान और विश्वास को आगे बढ़ाते हुए लखनऊ के इंदिरा नगर स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर को आधुनिक पर्यटन सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। स्वीकृत धनराशि से जैन मंदिर पर पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं का कार्य किया जाएगा। मंदिर परिसर को पूरी तरह आगंतुकों के अनुकूल स्वरूप में विकसित किया जाएगा। यह स्थल सर्वधर्म समभाव की मिसाल बनेगा।
परियोजना के तहत मंदिर परिसर को आधुनिक पर्यटन मानकों से सुसज्जित किया जाएगा। आगंतुक सुविधाओं के उन्नयन से लेकर सूचना संकेतकों की व्यवस्था, आरामदायक बैठने की जगह, स्वच्छ पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, संकेतक, सूचना स्थल सहित अन्य पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन सुविधाओं के विकास से जहां स्थानीय श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, वहीं दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को सहज, सुरक्षित और समृद्ध अनुभव प्राप्त होगा।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण एवं पर्यटन विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार का मानना है कि राजधानी के भीतर स्थित प्रमुख आस्था स्थलों को सुदृढ़ पर्यटन अवसंरचना से जोड़ने से शहर की सांस्कृतिक पहचान और मजबूत होगी। साथ ही, यह कदम अर्थव्यवस्था, स्थानीय रोजगार और छोटे व्यवसायों को भी बढ़ावा देगा।
श्री दिगंबर जैन मंदिर के निर्माण का उद्देश्य इंदिरा नगर के आसपास रहने वाले जैन समुदाय को एक स्थानीय मंदिर प्रदान करना था, ताकि उन्हें दर्शन के लिए शहर के दूसरे इलाके न जाना पड़े। इसके अलावा, शहर के डालीगंज और चौक इलाके में भी जैन मंदिर हैं, जहां विशेष अवसर पर बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु जुटते हैं। वहीं, आशियाना स्थित जैन मंदिर में करीब एक हजार साल पुरानी भगवान महावीर की प्रतिमा लोगों को आकर्षित करती है। मंदिर में स्थापित भगवान महावीर की प्रतिमा तीर्थंकरों की याद दिलाते हैं। आगंतुकों को मंदिर में तकरीबन 800 वर्ष पुराने हाथ से लिखे जैन ग्रंथ के भी दर्शन होते हैं।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि जैन समुदाय ने उत्तर प्रदेश की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्य सरकार उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करती है। प्रदेश के 12 पर्यटन सर्किटों में अहम जैन सर्किट के प्रमुख स्थलों के विकास की भी कार्ययोजना है। जैन मंदिरों के लिए हमारी प्रतिबद्धता ही है, कि प्रमुख आस्था स्थलों को सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उन्हें विकसित किया जा रहा है। लखनऊ स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर परियोजना से जहां जैन समाज को सम्मानजनक सुविधाएं मिलेंगी, वहीं लखनऊ के पर्यटन परिदृश्य को भी नई ऊर्जा और गति प्राप्त होगी।
