ऑटोमोबाइल

ADVERTISEMENT
Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

Breaking Posts

इटावा के बाल्मीकि आश्रम को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए 70 लाख रूपये की धनराशि व्यय की जाएगी- जयवीर सिंह


 उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने इटावा जनपद के बडपुरा क्षेत्र स्थित प्राचीन महर्षि बाल्मीकि मंदिर के पर्यटन विकास करने जा रहा है। मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास योजना के अंतर्गत इस परियोजना के लिए लगभग 70 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत हुई है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार समाज के सभी वर्गों की आस्था का सम्मान करती है। महर्षि बाल्मीकि से जुड़े इस पवित्र स्थल का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता है। सरकार सामाजिक न्याय, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक पुनर्जागरण, तीनों मोर्चों पर सक्रिय रूप से काम कर रही है।

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में रामायण से जुड़े स्थलों का विकास राज्य सरकार की प्राथमिकता है। महर्षि वाल्मीकि हमारे आदर्श और प्रथम कवि हैं। उनके नाम से जुड़ी इस प्राचीन धरोहर का संरक्षण हमारी संस्कृति और आस्था दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार का प्रयास है कि यह स्थल आने वाले समय में पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी प्रमुख आकर्षण बने। साथ ही, श्रद्धालु और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

विभाग का उद्देश्य इटावा जिले के धार्मिक पर्यटन को अन्य स्थलों के साथ विशिष्ट पहचान दिलाना है। इसी दिशा में प्राचीन बाल्मीकि मंदिर के समेकित विकास की महत्वपूर्ण पहल की गई है। परियोजना के तहत मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण, आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छ शौचालय, सूचना केंद्र और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन सुविधाओं के विकसित होने से न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि जनपद की पौराणिक और सांस्कृतिक धरोहर को भी नई पहचान मिलेगी।

पौराणिक मान्यता है कि इटावा से महर्षि वाल्मीकि का विशेष जुड़ाव था। जिले में यमुना नदी के किनारे स्थित बडपुरा क्षेत्र के बेला गांव में महर्षि बाल्मीकि ने जीवन का लंबा कालखंड व्यतीत किया था। इस गांव को उनकी तपोस्थली के रूप में जाना जाता है। बाल्मीकि समाधि स्थल पर महर्षि की एक मूर्ति और पादुका है, जिसकी अर्चना-दर्शन के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। रामायण के रचयिता की समाधि यमुना नदी के किनारे है। 

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इटावा जिले में कई अन्य पर्यटन स्थल हैं, जो प्रदेश और बाहर से आने वालों को आकर्षित करते हैं। इटावा सफारी पार्क (लायन सफारी), राजा सुमेर सिंह का किला, राष्ट्रीय चम्बल वन्य जीव अभ्यारण्य, कंपनी गार्डन, यमुना चंबल संगम स्थल और सरसई नावर वेटलैंड ऐसे ही कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। वर्ष 2024 में इटावा आने वाले पर्यटकों की संख्या जहां 12,22,055 थी, वह मौजूदा वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च में ही बढ़कर 10,39,243 तक पहुंच गई। विभाग का अनुमान है, कि मौजूदा वर्ष में पर्यटकों का आंकड़ा नया रिकॉर्ड बनाएगा।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Google AdSense Icon Advertisement

Below Post Ad

Google AdSense Icon Advertisement
Design by - Blogger Templates |