उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की अध्यक्षता में आज विधान भवन स्थित सभा कक्ष में प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर अर्थ व्यवस्था बनाने हेतु विभागीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई।
बैठक में मत्स्य मंत्री जी द्वारा पट्टे के संबंध में समीक्षा करते हुए राजस्व विभाग को सुझाव दिया गया कि पट्टे आवंटन की प्रक्रिया को आनलाइन किया जाए तथा इसके प्रत्येक चरण की समय सीमा निर्धारित करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। पट्टा आवंटन का सरलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है मत्स्य पालकों को बिजली, सोलर पम्प इत्यादि में उक्त दर्जे का लाभ दिलाया जाए। प्रदेश के मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित कराया जाए।
श्री निषाद ने मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए जाने के उद्देश्य से बने पोर्टल को मत्स्य विभाग हेतु अनलाइन कराये जाने के निर्देश दिए गए । उन्होंने कहा कि प्रदेश का काफी बड़ा जल क्षेत्र विभिन्न सेंचुरीज के अंतर्गत आ चुका है, जिसमे कछुओं के साथ-साथ मत्स्य आखेट पर भी रोक लगा दी गई है। मत्स्य आखेट प्रारंभ कराये जाने हेतु प्रयास किया जाए। प्रदेश में जलाशयों के समीपस्थ के साथ-साथ बड़े शहरों में प्रोसेसिंग यूनिट बनाए जाने पर विचार किया जाए। उन्हांेने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में रिवर रैन्चिंग आदि हेतु मत्स्य बीज आपूर्ति में इस्तेमाल की जाने वाली पॉलिथीन के स्थान पर अन्य विकल्पों पर विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री जी के आर्थिक सलाहकार श्री अवनीश अवस्थी द्वारा सुझाव दिया गया कि प्रदेश के मत्स्य पालकों को झींगा बीज सप्लाई हेतु निगम की हैचरियों में व्यवस्था करते हुए झींगा बीज सप्लाई पर विचार किया जाए। प्रदेश में मोती पालन एवं केज कल्चर को बढ़ावा दिया जाए। प्रदेश में मत्स्य बीज एवं मत्स्य आहार का मानकीकरण किया जाए। प्रदेश में प्रतिबंधित थाई मांगुर का पालन एवं बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किए जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक पट्टा धारक एवं निजी भूमि के तालाबों को एरेटर स्थापित करने हेतु अनुदान प्रदान करने के लिए बजट मे व्यवस्था की जाए।
श्री अवस्थी ने यह भी सुझाव दिये कि इसके जिले स्तर पर राजस्व विभाग पंचायतीराज विभाग मत्स्य विभाग तथा पट्टा आवंटन से संबंधित अन्य समस्त विभागों की एक टीम बनाकर पट्टा आवंटन की कार्यवाही की जाए। उन्हांेने यह भी कहा कि प्रदेश में इसी माह वर्ष 2026-27 हेतु बजट प्राविधान किए जाने के दृष्टिगत नई योजनाओ प्रशिक्षण मदे अन्य राज्यों में हो रही इमेज प्रेक्टिस के अध्ययन आदि की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव बना कर प्रस्तुत किया जाए। देश के विभिन्न राज्यों में संचालित संघ एवं निगमों के अच्छे कार्यकलापों का परीक्षण करते हुए एक रिपोर्ट तैयार किए जाने के साथ-साथ मत्स्य उत्पादन के आकड़ों हेतु एक मोबाइल एप बनाने के निर्देश क्मसवपजजम को दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव मत्स्य श्री मुकेश मेश्राम द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम समाज के तालाबों का जिओ टैग चिन्हीकरण राजस्व विभाग द्वारा किया जा चुका है। इस संबंध में राजस्व विभाग के प्रतिनिधि एवं महानिदेशक मत्स्य एक बैठक करके तालाबों/प्रक्षेत्रों का सुधार मनरेगा के माध्यम से एवं निर्मित अमृत सरोवर/तालाबों को मत्स्य पालन हेतु तैयार किया जाए। ग्राम समाज के तालाबों से प्राप्त धनराशि का संबंधित तालाब के सुधार में भी लगवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों की नीलामी से प्राप्त मत्स्य विकास निधि से व्यय हेतु विभाग द्वारा पूर्व में प्रेषित सुझावों का संज्ञान लेते हुए आदेश निर्गत कराया जाए तथा समिति एवं व्यक्तिगत पट्टे धारकों के लगान में विसंगति को दूर किए जाने पर विचार करते हुए निर्णय लिया जाए। जलाशयों की सफाई डीसिलटिंग एवं जल प्रदूषण को दूर करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने तिलपिया के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं इस संबंध में मत्स्य पालकों को प्रशिक्षित किए जाने का सुझाव दिया गया।
बैठक में निदेशक मत्स्य द्वारा बताया गया कि गत वर्ष 2024-25 हेतु मत्स्य विभाग के लिए जीएसवीए का लक्ष्य 21000 करोड़ था जिसके सापेक्ष विभाग द्वारा रु0 23000 करोड़ की उपलब्धि प्राप्त की गई। वर्ष 2025-26 हेतु जीएसवीए का लक्ष्य रु0 27000 करोड़ 15.40 लाख टन मत्स्य उत्पादन तथा रु0 28000 करोड़ 15.70 लाख टन मत्स्य उत्पादन पर निर्धारित किया गया है।
बैठक में आयुक्त राजस्व परिषद श्रीमती कंचन ,विशेष कार्याधिकारी राजस्व परिषद, अनुसचिव मत्स्य , महानिदेशक, निदेशक, उप निदेशक (नियो0)/(मुख्या0)/(सां0)/सहकारिता/, मुख्य महाप्रबंधक, उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम, प्रबंध निदेशक मत्स्य जीवी सहकारी संघ सहायक निदेशक मत्स्य नियोजन तथा योजना से श्री संजय श्रीवास्तव एवं श्री सज्जाद अहमद सहित क्मसवपजजम टीम के सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

