उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को गति प्रदान करने के उद्देश्य से औद्योगिक विकास मंत्री, नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ की अध्यक्षता में इन्वेस्ट यूपी में मंगलवार को एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक सम्पन्न की गई।
इन्वेस्ट यूपी टीम ने वर्ष 2023 से राज्य के विनिर्माण क्षेत्र की विकास प्रगति का प्रस्तुतीकरण किया तथा आगामी प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। मंत्री नंदी ने शून्य-त्रुटि (जीरो एरर) नीति पर बल देते हुए न्यूनतम समय में अधिकतम परिणाम के लिए तीव्र एवं प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक में फैक्ट्री पंजीकरण को सुदृढ़ करने, डेटा प्रणालियों में सुधार एवं औद्योगिक इकाइयों के संचालन को तेज करने से संबंधित विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। राज्यव्यापी औद्योगिक सर्वेक्षण की प्रगति की भी समीक्षा की गई, जिसे नामित एजेंसियों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। मंत्री ने सर्वेक्षण पद्धति, आवंटित औद्योगिक भूखंडों के उपयोग तथा औद्योगिक क्लस्टरों में प्रगति संबंधी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए, जिस पर अधिकारियों ने अवगत कराया कि सर्वेक्षण की अंतिम समेकित रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत की जाएगी।
भूमि उपलब्धता, औद्योगिक पार्कों के विकास, तथा लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी के विस्तार पर भी विस्तृत समीक्षा की गई। नोएडा, यमुना प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा एवं अन्य प्राधिकरणों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्राधिकार में भूमि अधिग्रहण एवं परियोजना प्रगति की वर्तमान स्थिति से मंत्री को अवगत कराया। निवेशकों हेतु भूमि उपलब्धता एवं प्रक्रियात्मक सरलता को तीव्र गति से आगे बढ़ाने के निर्देश प्रदान किए गए।
इज ऑफ डूइंग बिजनेस (EoDB) सुधार, विशेषकर रैशनलाइज्ड सिंगल विंडो एक्ट, समयबद्ध अनुमोदन तंत्र, तथा फंक्शनलिटी सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान आकृष्ट किया गया। मंत्री ने इन्वेस्ट यूपी एवं संबंधित औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को निवेशक सुगमता बढ़ाने हेतु अपने प्रयास और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए।
बैठक में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की भूमिका पर भी विशेष जोर दिया गया, जो राज्य में विनिर्माण-आधारित विकास के अगले चरण को सक्षम बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। भूमि मूल्य युक्तिकरण, प्लग-एंड-प्ले अवस्थापना का विकास, तथा बड़े एवं एंकर उद्योगों को आकर्षित करने हेतु नए निर्माण क्षेत्र (NIRMAN Kshetras) विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
बैठक का समापन करते हुए मंत्री नन्दी ने राज्य के औद्योगिक एवं आर्थिक रूपांतरण हेतु निर्धारित विनिर्माण लक्ष्यों की प्राप्ति में सभी विभागों की सामूहिक जिम्मेदारी को रेखांकित किया। उन्होंने पुनः उल्लेख किया कि दक्षता, पारदर्शिता एवं त्वरित निर्णय-प्रक्रिया राज्य की विकास रूपरेखा के मूल में बनी रहेंगी।
बैठक में राज्य मंत्री, श्री जसवंत सिंह सैनी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, श्री आलोक कुमार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी इन्वेस्ट यूपी, सचिव एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग, श्री प्रांजल यादव तथा नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण सहित विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

