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आयकर अपीलीय अधिकरण करदाताओं को निष्पक्ष और त्वरित न्याय का सशक्त मंच


 आयकर अपीलीय अधिकरण, लखनऊ पीठ की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित रजत जयंती समारोह आज अंसल गोल्फ सिटी, लखनऊ स्थित ग्रांड ओपेरा बैंक्वेट, होटल डैमसन प्लम में भव्य एवं गरिमामय वातावरण में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

समारोह की अध्यक्षता विधि एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री, भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल द्वारा की गई। कार्यक्रम न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) सी.वी. भडंग, अध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण के सान्निध्य में आयोजित हुआ। इस अवसर पर मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने वरिष्ठ बार सदस्यों एवं आयकर अपीलीय अधिकरण के पूर्व सदस्यों का सम्मान किया ।

अपने मुख्य संबोधन में मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आयकर अपीलीय अधिकरण को देश की कर-न्याय व्यवस्था का सुदृढ़ स्तंभ बताते हुए कहा कि यह संस्था दशकों से करदाताओं को निष्पक्ष, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी जटिलताओं से मुक्त, कम खर्चीली एवं विशेषज्ञता-आधारित न्यायिक प्रक्रिया विकसित कर अधिकरण ने लोकतांत्रिक शासन में न्याय तक पहुँच को सरल बनाया है।

मंत्री ने अधिकरण द्वारा अपनाई गई डिजिटल पहलों की सराहना करते हुए कहा कि ई-हियरिंग एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी व्यवस्थाओं से दूरस्थ क्षेत्रों के करदाताओं को भी समयबद्ध न्याय सुलभ हो रहा है, जिससे न्यायिक प्रणाली अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनी है।

इस अवसर पर विधि कार्य विभाग, भारत सरकार के सचिव राजीव मणि, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, लखनऊ (उ.प्र. पूर्व) अमल पुष्प तथा प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, कानपुर (उ.प्र. पश्चिम) अपर्णा करण ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए आयकर अपीलीय अधिकरण की न्यायिक भूमिका एवं कर-विवाद निस्तारण में इसके योगदान की सराहना की।

कार्यक्रम के दौरान आयकर अपीलीय अधिकरण के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि इसकी स्थापना 25 जनवरी 1941 को हुई थी और यह देश का सबसे पुराना अर्ध-न्यायिक अधिकरण है। समय-परीक्षित परंपराओं एवं कार्यप्रणाली के कारण इसे “मातृ अधिकरण” के रूप में भी जाना जाता है, जिसकी कार्यशैली को देश के अन्य अनेक अधिकरणों द्वारा अपनाया गया है।



लखनऊ पीठ के संदर्भ में अवगत कराया गया कि इसकी स्थापना 05 मई 2000 को हुई थी तथा अगस्त 2000 में पहली सुनवाई प्रारंभ हुई। वर्तमान में लखनऊ में दो पीठें कार्यरत हैं, जो उत्तर प्रदेश के 16 जिलों से संबंधित आयकर अपीलों की सुनवाई कर रही हैं। बीते 25 वर्षों में लखनऊ पीठ द्वारा 16 हजार से अधिक आयकर अपीलों का निस्तारण किया गया है, जबकि वर्तमान में 1592 अपीलें लंबित हैं, जिनकी नियमित सुनवाई की जा रही है।

आयोजित तकनीकी सत्र की अध्यक्षता उपाध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण, लखनऊ अंचल द्वारा की गई। तकनीकी सत्र में आयकर अधिनियम, 2025 विषय पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ, जिसमें कर कानून से जुड़े समसामयिक मुद्दों पर विशेषज्ञों द्वारा अपने विचार प्रस्तुत किए गए।

समारोह में अध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण सी.वी. भडंग, उपाध्यक्ष, आयकर अपीलीय अधिकरण, मुंबई शक्तिजीत डे, न्यायिक सदस्य, आईटीएटी मुंबई अमित शुक्ला सहित आयकर अपीलीय अधिकरण के अनेक वर्तमान एवं भूतपूर्व सदस्य उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी एवं गोरखपुर की आईटीएटी बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों की उल्लेखनीय सहभागिता रही।

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