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शीतलहर से आमजन को सुरक्षित रखने के सभी आवश्यक प्रबंध अविलम्ब किये जाएं-राहत आयुक्त


सचिव राजस्व एवं राहत आयुक्त डा0 हृषिकेश भास्कर याशोद ने वीसी के माध्यम से मंगलवार को प्रदेश के समस्त जनपदों के अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के साथ प्रदेश के जनपदों में हो रहे राहत एवं आपदा प्रबंधन कार्यों के प्रगति की समीक्षा की। उन्हांेने कम्बल क्रय, अलाव, रैनबसेरों की अद्यतन स्थिति जानी तथा शीतलहर से आमजन को सुरक्षित रखने के सभी आवश्यक प्रबंध अविलम्ब करने के निर्देश दिये।

डा0 हृषिकेश भास्कर याशोद ने शीतलहर से बचाव के लिए समस्त जनपदों में कंबल क्रय, अलाव तथा रैन बसेरों की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करते हुए इससे संबंधित सूचनाओं को राहत आयुक्त कार्यालय के पोर्टल पर फीड कराने का निर्देश दिया। समीक्षा में पाया गया कि 40 जनपदों द्वारा रैन बसेरों हेतु कुल 278 स्थलों को चिन्हित कर लिया गया, शेष 35 जनपदों में रैन बसेरों के लिए स्थलों का चिन्हांकन, जिओ-टैगिंग एवं पोर्टल पर फीडिंग की कार्यवाही अभी तक पूर्ण नहीं हुयी है। 42 जनपदों में अलाव जलाने हेतु 1517 स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है। 33 जनपदों में अलाव जलाने हेतु स्थलों का चिन्हांकन तथा जिओ-टैंगिग एवं पोर्टल पर फीडिंग की कार्यवाही लम्बित होने पर राहत आयुक्त द्वारा गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए 24 घंटे के अंदर स्थलों का चिन्हांकन करते हुए पोर्टल पर फीड कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पोर्टल द्वारा कम्बल वितरण, रैन बसेरों तथा अलाव की रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा एक एप विकसित किया गया है। जिसमें प्रत्येक दशा में डेटा अपलोड किया जाना आवश्यक है। इसमें किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। 

राहत आयुक्त ने प्रत्येक रैन बसेरा में पर्याप्त रोशनी, साफ-सफाई, पेयजल, अलाव, कंबल तथा ठण्ड से बचने का पूरा प्रबंध करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि रैन बसेरों में पुरूष व महिलाओं के रूकने की अलग-अलग व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि रैन बसेरों के पास शौचालय अवश्य हो इसके साथ ही साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था का ध्यान रखा जाए। उन्हांेने संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से रैन बसेरों की जांच का निर्देश दिया। 

राहत आयुक्त ने फसल क्षति के सापेक्ष राहत वितरण की समीक्षा में गाजीपुर, महोबा, मिर्जापुर, उन्नाव, झांसी, बलिया, मथुरा, मुजफ्फरनगर, चंदौली, हरदोई, जालौन, आगरा,अमरोहा में राहत राशि की देयता लम्बित होने पर संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में समय से राहत राशि वितरित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फसलक्षति पर प्रत्येक दशा में किसानों को 24 घंटे के अन्दर राहत राशि दी जाए। उन्होंने कहा कि किसी जनपद में अगर बजट का अभाव है तो वह बजट लेने हेतु तत्काल अपनी डिमांड भेज दें। विभिन्न आपदाओं से जनहानि के लम्बित प्रकरणों में समय से राहत राशि का वितरण न करने पर बहराइच, हरदोई, सोनभद्र, प्रयागराज, उन्नाव, कासगंज, अमेठी, लखीमपुर खीरी, कानपुर नगर तथा कुशीनगर के संबंधित अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए तत्काल राहत राशि वितरित करने का निर्देश दिया। इसी प्रकार विभिन्न आपदाओं से हुए मकान क्षति, पशुहानि तथा घायलों को तत्काल राहत राशि निर्गत करने के निर्देश दिए। 

उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में रिक्त पदों को तत्काल भरने का निर्देश दिया। बाढ़ तथा भूकंप के प्रति संवेदनशील जनपदों को मॉक एक्सरसाइज हेतु आवंटित धनराशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र को तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आपदा मित्र परियोजना के क्रियान्वयन हेतु आपदा मित्र पोर्टल पर अधिकारी रूचि लेकर वालेंटियर की सूचना अपलोड करें। बैठक में विशेष कार्याधिकारी श्री मान्धाता प्रताप सिंह, वित्त नियंत्रक श्री मनीष कुशवाहा, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी श्री संतोष कुमार, प्रशासनिक अधिकारी श्री शैलेन्दु मिश्रा, अमित कुमार, प्रशांत शाही, शांतनु द्विवेदी, प्रवीण किशोर, आशीष शर्मा, प्रशांत कुमार सहित जनपदों से वीसी के माध्यम से अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व व आपदा विशेष व आपदा प्रबंधन से अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।


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