लखनऊ-कानपुर के बीच देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इसकी लंबाई 63 किलोमीटर है और लागत करीब 4700 करोड़ रुपए। जून- 2025 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित था। लेकिन, बिजली के एक पोल से लगातार देरी होती चली गई। फाइनली उस बिजली के पोल की टेस्टिंग पूरी हो गई। अब उम्मीद है कि अगले डेढ़ से दो महीने के बीच काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लखनऊ-कानपुर के बीच की दूरी एक घंटे कम हो जाएगी।
स्कूटर इंडिया के पास गौरी बाजार चौराहा है। यहीं एक जगह है, जहां अभी एक्सप्रेस-वे का पिलर नहीं बन पाया है। करीब 300 मीटर का एरिया खुला है। पिलर आधे बने हैं। ऊपर से दो हाईटेंशन बिजली के तार गुजरे हैं। एक का तो इंतजाम हो गया है, उसे ऊपर कर दिया गया है। लेकिन, 1.32 लाख पावर लाइन वाला खंबा अभी नहीं लग पाया है। इसी वजह से यहां इस वक्त सबसे ज्यादा जाम की स्थिति बनती है।
इस पूरे एक्सप्रेस-वे में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं। 90% निर्माण पूरा हो गया है। जहां टोल गेट बनाया जाना है, वहां साइड की सड़कों का निर्माण आखिरी दौर में है। यह एक्सप्रेस-वे कानपुर के गंगा पुल से करीब 5 किलोमीटर पहले उन्नाव के आजाद चौराहे पर खत्म होता है। जो लोग लखनऊ से कानपुर जाएंगे, उन्हें गंगा पुल पार करना होगा।
स्कूटर इंडिया के पास बचे हुए काम को लेकर एक्सप्रेस-वे के इंजीनियर कहते हैं, पोल लगने के बाद यहां का काम तेजी से होगा। हमें सिर्फ पिलर ही तैयार करना है, बाकी का हिस्सा बनाया जा चुका है। वह सिर्फ रखा जाएगा। अगले 2 महीने में हम इसे तैयार कर देंगे। इसका मतलब यह हुआ कि यह एक्सप्रेस-वे जनवरी के महीने में शुरू किया जा सकता है।

